ਚਿੜੀਆਂ
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फ़िज़ूल है अब ये सोचना, कितना है,और कितना चाहिए
फ़िज़ूल है अब ये सोचना,
कितना है,और कितना चाहिए,
जब और कोई राह ही नहीं,
फिर सोचना क्या बस चलते जाइये!
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