शाम की चाय

शाम की चाय 

ठंडी करके तो 

अक्सर पी है,


पर आज तो 

देर रात तक 

याद ही नहीं रहा, 

एक चुस्की तक 

नहीं ली है,


शायद यही होती है

ज़िन्दगी कारोबारी 

रोज़गार पेशा 

ज़िम्मेदार लोगों की,


यूं ही न हमसे

गिला किया करो सनम!  

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