हिफाज़त

जो सब कुछ भी 

हमारे पास है,

जितना मेरा है

उतना तुम्हारा भी है,


माना मैंने चाहत रखी,

मेहनत की है,

पर तुमने मुझे 

उन्हें साकार करने 

की मोहलत दी है,


तुमने मेरे सपनोँ की 

हिफाज़त की है!

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