अभी तो दो गाम मोहब्बत के चला है,
अभी तो दो ताने दुनिया के पड़े हैं,
ये तो अभी से बैठ के रोने लगा है,
बातें करता है फरहाद कैस की,
हशर तक रहेगा मेरे साथ ही,
होने से पहले ही एतबार खोने लगा है,
चाँद सितारे क्या तोड़ के लाएगा,
ये तो अगले मोड़ तक न जा पाएगा,
मुसीबत पड़ी तो छोड़ के भाग जाएगा,
छूटे इससे मेरा दामन या अल्लाह,
ये तो मेरे ऊपर बोझ बन जाएगा,
हाय! मेरा तो जी कच्चा होने लगा है,
रातों को कहता है मैं सोता नहीं हूँ,
रहता कहीं हूँ पर मैं होता कहीं हूँ,
हीर को जो ना मिला मैं रांझा वही हूँ,
जब भी मिलता है हवाईआं ही कहता है,
इसे साथी की नहीं डाक्टर की जरूरत है,
मुझे तो ये पागल मालूम होना लगा है,
ये क्या बनाया हैं तूने ओ बनाने वाले,
ये कहाँ तार जोड़ दिया है ओ मिलाने वाले,
तुम दोनों पे लाहनत तुम दोनों पे नाले,
ये गली मोहल्ला अब छोड़ना पड़ेगा,
और फ़ोन का नंबर भी बदलना पड़ेगा,
जल्दी करूँ शाम हुई अँधेरा होना लगा है!
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