बेवक़्त करोगे तो खुद को लगेगा ये क्या गुनाह है,
कर लो काम वक़्त के हिसाब से जैसे वो बना है,
जवानी में देख लो जितनी भी दुनिया देखनी है,
पीरी में तो न दिखाई देता है ना जाता चला है,
छोटे दाओ तो बेख़ौफ़ हो के खेल लिया करो,
आखिर तो सब की तय और यकीनन फ़ना है,
जो भी मुश्किलें हैं शहर की थोड़ा सहन करो,
तुम्ही ने बदला है इसे, तुम्ही से ये ऐसा बना है,
दिल है जो नहीं हो सकता उसी तरफ भागता है,
चाहे तख्ती पे लिखा हुआ है अंदर आना मना है!
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