उनका आपस में तो मसला कुछ भी नहीं था,
कभी जमाना तो कभी घर से ताना आ गया,
देख लिए थे चलने से पहले ख़ाब इतने हसीन,
चले जो तो हक़ीक़तों से अफसाना टकरा गया,
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