खुश रहना जो अब सीख लिया है,
उसने जो कुछ दिया सब ठीक दिया है,
अब मैं कोई बाजी हार नहीं सकता,
दिल तेरा जीतना था जीत लिया है,
बाजार से मैं बिल्कुल खफा नहीं हूं,
बस इसे देख थोड़ा नजदीक से लिया है,
शाहीं को बुलबुल बन देखूं शाखों से,
उसकी परवाजों पे लिख गीत दिया है,
अच्छा बुरा दोनों वक्त बनाते हैं इंसान को,
बुलंदियों को तह से जो तहक़ीक़ किया है!
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