तालीम

मैं नहीं मानता, 

किसी भी चीज़ को, 

किसी भी ख्याल को,


बिना सोचे, बिना समझे,

बिना जाने, बिना परखे,


और हाँ, 

ये भी हो सकता है

आज जो सही लगे

उसे कल गलत कहूँ, 

आज जो गलत लगे

उसे कल सही कहूँ, 


मैं आपसे सहमत नहीं हूँ

जैसे है वैसे ही मान लो,


मैं बहस नहीं करता हूँ, 

बस आप मुझे, 

अपने खून पसीने की कमाई से

तालीम हासिल करने 

के लिए भेजते हो ना, 

उसी का हक़ अदा करता हूँ,


अगर आप को सही नहीं लगता,

आप भी दिन भर थोड़ा और 

आराम किया करो,

मैं भी बस्ता अलमारी में रखता हूँ! 

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