बस तू ही

यु तो यहाँ अपने है सब ही,
पर फिर भी देखती रहती हैं राह तेरी ही आँखें मेरी,
यु तो यहाँ खुश मिजाज़ है सब ही,
पर फिर भी मुझे लुभाती है बस बातें तेरी!