जो रह जाए वो मैं पूरा कर दूँ

प्यार करना क्या होता है,
इज़हार करना क्या होता है,
मुझे नहीं मालूम, के इश्क़ में
महबूब से बात करना क्या होता है,

तुम्हे देखता हूँ तो जी करता है,
होले होले से तुम्हारे बालों को कंगी करूं,
तुम्हारे चहरे पे कुछ लग गया है,
पोंछने के लिए रुमाल दूं या खुद ही कर दूं,

तुझे कभी प्यास लगी हो,
खुद भरके गिलास पानी का दूँ,
तुझे नींद ना आए जो कभी तो,
थपकी दे के लोरी गा के सुला दूं,

तुम्हे कभी सर्दी लगती हो,
अपने ऑफिस बैग में चोरी से रखी शाल ओढा दूं,
तुम कभी थक गई हो दिन भर की दौड़ धूप से,
होले होले तुम्हारे काँधे दबा थकान मिटा दूं,

तुम भूल जाओ जो चीज कोई रक्ख के,
मैं वक़्त लगा के खोज के तुम्हे ला दूँ,
तुम सो रही हो सर्दी में ठंडी में,
चुपके से आके आहस्ते से कंबल ओढा दूं,

बस जी यही करता रहता है,
जो रह जाए वो मैं पूरा कर दूँ
हवा से तेरी ज़ुल्फ़ जो उड़ती रहे,
मैं उसको वापिस जगह पे रखता रहूँ,

प्यार करना क्या होता है,
इज़हार करना क्या होता है...