Kuch logon ko
khudaa de deta hai
sab, husn bhi hunar bhi
aur naa chahate huae,
apna surat-e-haal
dekh ke, dil ranj se
cheekh uthtaa hai,
hmaari jeb kaat ke hi
ye unki jeb bhartaa hai.
कुछ लोगों को
खुदा दे देता है सब,
हुस्न भी, हुनर भी,
मौका भी, किस्मत भी,
राह भी, रहबर भी,
कभी कहीं कोई
आज़माइश नहीं,
कभी कही कोई
इम्तिहान नहीं,
एक नपी तुली सी,
पसंद की, अराम की,
ख्वाइशों की ज़िंदगी,
और ना चाहते हुए,
अपना सूरत-ऐ-हाल
देख के लगता है,
जमाने भर के जहर
हमारे लिए ही वो
बचा के रखता है,
कहर उसका सब
हमी पे बरपता है,
हमारे लिए ही
सब मुश्किलें,
हमारे लिए ही
सब उलजनें,
कभी कहीं कोई
रियात न करता है,
तब दिल रंज से
चीख के कह उठता है,
हमारी ज़िन्दगी की किताब
से ही सब सुनहरी पन्ने
निकाल के ये किताब
उनकी ज़िंदगी की
मुकम्मल करता है,
हमारी जेब काट के ही,
ये जेब उनकी भरता है!