समंदर कभी कभी बिल्कुल, माँ सा नज़र आता है

समंदर कभी कभी बिल्कुल,
माँ सा नज़र आता है,
जाता हूँ जब भी पास इसके,
लहर लहर हो के गाता है,

अपने ही जिस्म से बना
के बादल, मैं जहाँ होता हूँ,
मेरी प्यास बुझाने के लिए
वहाँ बरस जाता है!

रोशनी सब तेरी है, मेरी तो सिर्फ आंखें हैं

रोशनी सब तेरी है,
मेरी तो सिर्फ आंखें हैं,
मैं तो बस बयान करता हूँ,
सब है तो तेरी ही बाते हैं!

तेरी हवाओं से ही
मेरी हर उड़ान है,
जिस्म तो यूं ही
फड़फड़ाता पाँखें है!

रंग, मिठास, महक,
सब तेरेे ही हैं दिए हुए,
गूंथ के फ़ूलों में,
मैंने तो सिर्फ बांटे हैं!

ये तेरी चाह, तेरी
इनायत है जो कुछ भी है,
वरना इतने हुनर
मुझे कहाँ से आते हैं!

बस एक नज़रिया बदल ले नज़र का

तू अपनी राह में खुद दीवार है,
समझ जाएगा जिस दिन बात ये,
सब रास्ते तेरे लिए खुल जाएँगे,

बेड़ियाँ तेरे पैरों में नहीं सोच में हैं,
देख पाएगा किसी दिन जो ठीक से,
बंधन तेरे सारेे कट जाएँगे,

आँखें खोल हाथ भी हटा चेहरे से,
उजाले कब के हो चुके हैं,
तुझे भी फिर नज़र आएँगे,

किसी के पास इतना वक़्त कहा,
कोई किसी के लिए कांटे बिछाए,
ये वहमों गुमां निकाल देगा दिल से, तो
हर तरफ तुझे फूल ही नज़र आएँगे,

बस एक नज़रिया बदल ले नज़र का,
थोड़ी हिम्मत थोड़ी कोशिश करके,
सहरा सब के सब गुलशन हो जाएँगे!

रोज बरसता है आज कल जो पानी

रोज बरसता है आज कल जो पानी,
लगता है आसमान को भी सता रही,
अब के सावन कोई याद पुरानी!

तू खुश हो तेरे रास्ते में इतने पत्थर हैं

तू खुश हो तेरे रास्ते में
इतने पत्थर हैं, के बुहत हैं
तुझे फौलाद बनाने के लिए,

वरना लोग पैसा दे के जाते हैं
कसरत खानों में,
जिस्म को लोहा बनाने के लिए!

खुदा की इस को भी
तू एक इनायत ही समझ,
तुझे कुछ न दिया,

तुझे आज़ाद रखा
उसने, जो जी चाहे,
उस पे बाज़ी लगाने के लिए!

अपनी ही आंखों के
आंसू पी के तूने कई रातें
अपने पेट की आग बुझाई है,

तू खुश किस्मत समझ
अपने आप को, तू तयार है
किसी भी सफर पे जाने के लिए!

और ज़माने की ठोकरें,
रास्ते की मुश्किलें,
ये सब तेरी कमाई है,

लोग मारे मारे फिरते हैं
रहबरों की तलाश में,
रास्ता, रोशनी पाने के लिए!

अच्छे वक़्तों में रखेंगे तुझे
सादा, बुरे वक़्तों में करेंगे
ये वक़्त तेरी रहनुमाई,

तू जानता होगा उठा है तो
गिर सकता है, गिरा है तो
क्या चहिये उठ जाने के लिए!

अगर तुझे कोई मिलता है चाहने वाला

अगर तुझे कोई मिलता है
चाहने वाला ज़माने को ठुकरा के,
तो बेखौफ हो के कीमत
उस मोती के लिए चुका दे,

ये ज़माना तो कभी किसी का
ना हुआ और न होगा,
तू अपने दिल को
महफूस रखने के लिए
उस दिल को आशियाना बना ले!