ये ज़िन्दगी नहीं है जाना

यूँ बुझे बुझे उठना,
यूँ बुझे बुझे सो जाना,
ये ज़िन्दगी नहीं है जाना!

कोई बात है तो
आ बात कर लें,
कोई मसला है तो
आ हल कर लें,
पर यूँ चुप चुप रहना,
तन्हा आँसू बहाना,
ना कुछ कहना,
ना कुछ बताना,
ये ज़िन्दगी नहीं है जाना!

ज़िन्दगी है तेरा हसना,
ज़िन्दगी है तेरा गाना,
ज़िन्दगी है तेरी
मस्ती से, मेरे आँगन
के हर फूल का लहराना,
ज़िन्दगी है तेरी आँखों
के नूर से सुबह का होना,
ज़िन्दगी है तेरे चेहरे की
लालियों से हर शाम
आसमान का सुर्ख होना,
ज़िन्दगी है तेरे गेसु
की पनाह में सूरज का
डूबना, रात होना!

तू मोड़ ला बहारों को,
मौसमों को बदलने में
मुझे भी काम पे लगा लो,
अपने गम मुझे दे दो,
मेरी खुशी तुम ले लो,
ला दो मुझे रोशन
सुबह, चमकते दिन
महकती शामें, मस्ती
भरी, मद भरी रातें,
जैसा मैंने तुम्हें हमेशा देखा,
जैसा मैंने तुम्हें हमेशा जाना,
लोट आओ न वहीँ पे
तुम फिर से ओ जाना!

यूँ बुझे बुझे उठना,
यूँ बुझे बुझे सो जाना,
ये ज़िन्दगी नहीं है जाना!

तू अपने आप को साबित कदम रख

फूल से हमेशा
खुश्बू ही आएगी,
चाहे वो कहीं भी
रख दिया जाएगा,

चंदन हमेशा देगा
महक और ठंडक,
चाहे जितना भी
घिस दिया जाएगा,

चिराग मंदिर में हो
या चाहे जंगल में,
हमेशा रोशनी ही
हर तरफ फैलाएगा,

तू अपने आप को
साबित कदम रख,
ज़माना और हालात
तुझे छेड नहीं पाएगा!

अपना के उसने मुझ पे ही एहसान किया है

मैंने उसके लिए
कुछ भी नहीं किया है,
साथ चल के सफर उसने
मेरा ही आसान किया है,

ये उसकी दरिया दिली
है के मेरा शुक्र करता है,
वरना अपना के उसने
मुझ पे ही एहसान किया है!