लगाई के बीड़ा, जलाई के बीडी,
चले हम बाबू जी अपने देस,
बाँध कमरिया हाय रे नकदिया,
छोड़ चले हम बाबू जी परदेस!
राह देखे हाय मेरी मोरी सजनियाँ,
और डेढ़ बरस की नन्ही सी बिटिया,
के देखन चले हम दोनों का भेस,
छोड़ चले हम बाबू जी परदेस!
जाए के पूजेंगे दुर्गा मैया को जी,
और बैठेंगे किनारे गंगा मैया के जी,
और मिलेंगे बंधू सब जो लोटे होंगे देस,
छोड़ चले हम बाबू जी परदेस!
हो शम्बु, मंगल, सखा तुम सब भी गाओ,
के देखन के वास्ते अपना देस,
के देखन के वास्ते अपना खेत,
छोड़ चले हम बाबू जी परदेस!
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