जीत तुमने दी है

 टीस उसने दी थी,

ठीक तुमने की है,

धूप उसने दी थी,

छांव तुमने की है,

हार गया था उसके 

आगे, जीत तुमने दी है!


देता रहा सदाएं

लौट के ना आई,

मिली उस वक़्त

सिर्फ सिर्फ तन्हाई,

तुमने हर चाह पे

चाह लौटाई,

बन के चली

साथ मेरी परछाई,

जो ढूंढता था

वो ज़िंदगी दी है,

टीस उसने दी थी,

ठीक तुमने की है!


अनुराग उसने जगाया,

प्रेम करना तुमने सिखाया,

मैने शुरू करना सीखा

पर निभा के तुमने दिखाया,

उसने टूट के जीना,

तुमने बनके के जीना बताया,

डालियां तो वो दे गयी

सींच के बहार तुमने की हैं,

टीस उसने दी थी,

ठीक तुमने की है!

छोड़ दिया ख्याल ज़िंदगी सपनों सी कभी हो जाएगी

छोड़ दिया ख्याल ज़िंदगी सपनों सी कभी हो जाएगी,

जान गया हूं राज आज जो गीत कल भी यही गाएगी,


दे दी है मोहिनी तस्वीर एक वक़्त ने रंग उसमें भरने हैं,

भर लूं अपनी मर्जी से क्या मालूम धूल कब हो जाएगी,


दिन रात जैसे चाह जिम्मेदारी साथ साथ चल सकते हैं,

जितना खुश रहेंगे ज़िंदगी उतने और दिन देती जाएगी,


छुट गया जो गीत ग़ज़ल का हाथ आज अपने हाथ से,

फिर नहीं मिलेंगे पत्ते हवा इन्हें दूर उड़ा के ले जाएगी!

मैंने मुश्किलों में ज़िन्दगी बनाई है

मुझे ज़िन्दगी में मुश्किलें नहीं आयी,

मैंने मुश्किलों में ज़िन्दगी बनाई है,


मेरी हसीं के पीछे पीछे मत आओ,

इसके पीछे ग़मों की गहरी खाई है,


कितना ठुकराया गया हूँ क्या कहूँ,

उसी ने मोहब्बत करनी सिखाई है,


तन्हाइओं का दर्द अच्छे से जानता हूँ,

इसी लिए अच्छी लगती आशनाई है,


बेरुखी क्या बताऊँ कहाँ ले जाती है,

बात सुन लेना किसी की ये भी भलाई है,


सोचा तो नहीं था ये सब बात करूँ,

कुछ बात हुई बातें निकल आई हैं!

तुम ही मेरे लिए ख़ास हो

तुम जो मेरे पास हो,

तुम ही मेरे लिए ख़ास हो!


भूली बिसरी बातें

यूं ही कभी कभी 

याद आ जाती हैं,

होती कुछ नहीं

बस ख्यालों की 

आवारागर्दी है,

बेवजह न उदास हो,

तुम जो मेरे पास हो,

तुम्हीं मेरे लिए ख़ास हो!


कुछ नहीं था जब पास मेरे 

तब तुमने मेरा साथ दिया,

सीधी सी बातों वाले पे 

इतना तुमने विश्वास किया,

सादे से कपड़ों में भी देख 

कहा अच्छे लगते हो पिया,

और चली आई सब छोड़ 

सीता चल पड़ी हों जैसे 

राम जी के साथ वनवास को,

तुम जो मेरे पास हो,

तुम्हीं मेरे लिए ख़ास हो! 


फीकी सी मेरी ज़िन्दगी में 

आ के ख़ुशी का रंग भर दिया,

बड़े मकानों में रहा था

तुमने मुझको आ के घर दिया,

जितना मैंने सोचा था,

तुमने उससे बढ़कर किया,

क्यों खोल के पड़ना 

मेरे बासी इतिहास को,

तुम जो मेरे पास हो,

तुम ही मेरे लिए ख़ास हो!


सच वो भी है जो लोग कहते हैं,

सच वो भी है जो मैं कहता हूँ,

पर ऐसे ही तो होती है ज़िन्दगी,

लो बात में तुम्हें ये कहता हूँ,

जो होता है वक़्त का मंजर,

उसी में सपने सजा लेता हूँ,

जो लगता है अच्छा, जुट 

जाता हूँ, या ख़ाब बना लेता हूँ,

क्यों इतना आदर्श मान 

के चलना, इस सपनों की 

उम्मीदों की ख़ाक को,

तुम जो मेरे पास हो,

तुम ही मेरे लिए ख़ास हो!

अपना आप छोटा लगने लग गया

 तुम्हारे लिए इतने ख़ाब सजा लिए, 

अपना आप छोटा लगने लग गया,

तुम तो शायद हाँ कर भी देती, 

मैं अपने आप को खारिज कर गया,


तुम्हारे पास तो सब कुछ ही था, 

सीरत भी सूरत भी रुतबा भी दौलत भी,

मैंने अभी कमाना शुरू किया था, 

जेब खाली देख के अपनी डर गया,


क्या सोच के तुम्हारे पास मैं आता, 

किस उम्मीद पे हाथ आगे बढ़ाता,

मैं जानता था तुम हकीकत में जीती 

हो, अफसाना मेरा वहीं मर गया,


धरती अम्बर का मेल कहाँ होता है, 

बस क्षितिज पे खेल सा होता है,

दो सीढ़ी जो चढ़ा था चाह की, 

सोच के फिर वो भी नीचे उतर गया!


चलो जो हुआ सो हुआ, ज़िन्दगी 

को कोई क्यों खेलें समझ के जुआ,

कुछ मुझसे सही न हो पता, तुम 

इलज़ाम देती के मैं धोखा कर गया! 

Happy Friday

 ओ weekend का इंतज़ार करने वाले,

तुम तब भी कोई ख़ुशी नहीं हो पाने वाले,


ख़ुशी तो अंतर में निरंतर बहता दरिया है,

दो फिल्में देख ग़म तुम्हारे नहीं जाने वाले,


Saturday को पांच दिन की थकान उतरेगी,

Sunday को Monday के सपने आने वाले,


मकसद से मतलब की जगह पे काम करो,

जिस्म तो चाहे थके वहाँ पर खून ना उबाले,


वाक़िफ़ हूँ अक्सर नहीं हो पाता मुमकिन,

बन जाओ जुगनू रात को जगमगाने वाले!