सपने बेचो रे, सपने

 ना जूता, ना चप्पल,

ना बेचो रे कपडे,

सपने बेचो रे, सपने!


उम्मीद की लो जगाओ,

खाबों का शहर दिखाओ,

मंजिल का राह बताओ,

बात कहो जो हर कोई पकडे,

सपने बेचो रे, सपने!


कल कल जो करेगा,

हाथ किस्मत से धो जाएगा,

जिन्न जो निकला चिराग से,

फिर ना कभी लोट के आएगा,

भोले से मन को थोड़ा सा ठग ले,

सपने बेचो रे, सपने!


ना ना कोई चाहे लाख करे,

राह से न कभी हटो परे,

थोड़ा सा शहद मुफ्त 

दे के, लगा दे रे लत्त रे,

सपने बेचो रे, सपने!