सुबह उठकेे देखा,
मेरा आँगन मैंने,
सितारों से भरा पड़ा था,
और मुंडेर पे बैठी,
एक चिड़िया मुझसे
कह रही थी,
मैंने कहा था ना
मेरे पंखों को हवा
दे के तो देख!
मेरा आँगन मैंने,
सितारों से भरा पड़ा था,
और मुंडेर पे बैठी,
एक चिड़िया मुझसे
कह रही थी,
मैंने कहा था ना
मेरे पंखों को हवा
दे के तो देख!