तो प्यारे फिर, प्रभु का नाम जप ले

जब मन हो बेचैन,
सब करके जतन भी,
कहीं आए नहीं चैन,
तो प्यारे फिर,
प्रभु का नाम जप ले..

जो मन तेरे भाएँ,
जो तुझको रिझाएँ,
ब्रहमा,विष्णु,महेश,
पवन पुत्र या गणेश,
चाहे तो राधे शाम जप ले,
जब मन हो बेचैन ...

बंद कर आँखों के द्वार,
निकल जा तू जग से पार,
मन में हरी को निहार,
सब चिंता का करे वो संहार
अपनी आँखों से तक्क ले,
जब मन हो बेचैन ...  

पुकारे चाहे जो भी,
वो हर किसी के पुकारने पे आए,
बस पुकार करने वाले से,
इतना सा वो चाहे,
पुकारे कोई उसे अविशवास तज के,
जब मन हो बेचैन ...