अब मैं कहीं किसी को दिल न दूंगा

अब मैं कहीं किसी को दिल न दूंगा,
मोहब्बत मिलेगी तो चाहत लौटाऊंगा,
कोई मेरे से ये न पूछे के वो फ़क़ीर कहाँ गया,
जो कहता था खुद को जला के भी जहां रोशन करूंगा।

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