तुम जितना चाह
सकती हो
उतना चाहो,
मैं जितना
आ सकता हूँ
उतना आने दो,
ये हिसाब
ना किया करो
दिल के कामो में,
इससेें पड़ती हैं
दरारे रिश्तों में,
खुदा के वास्ते
सब खाता बही
जला दो!
सकती हो
उतना चाहो,
मैं जितना
आ सकता हूँ
उतना आने दो,
ये हिसाब
ना किया करो
दिल के कामो में,
इससेें पड़ती हैं
दरारे रिश्तों में,
खुदा के वास्ते
सब खाता बही
जला दो!
No comments:
Post a Comment