चाहत अपने उरूज़ पे थी

चाहत अपने उरूज़ पे थी,
तो दिल में ख्याल ये भी था,
अपना घर जला के भी,
रखेंगे उसकी राह रोशन,
चाहे वो हमसे ना-आशना ही सही!

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