गाँव वाले आदमी की मुझे एक ही बात बुरी लगती है,
कम्भख्त अपनी परवाह बुहत कम करता है,
और ये शहर जंगल है, जो अपना ख्याल नहीं करता,
या तो मार दिया जाता है या निकाल दिया जाता है!
कम्भख्त अपनी परवाह बुहत कम करता है,
और ये शहर जंगल है, जो अपना ख्याल नहीं करता,
या तो मार दिया जाता है या निकाल दिया जाता है!
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