ग़ज़ल

दहकते अंगारों पे कभी भी हाथ मत रखना,

उसकी बात पे कभी अपनी बात मत रखना,


नाकाम इश्क़ आखिरी तक देता है दर्द बुरा,

कैस जैसा किसी से तालुकात मत रखना,


बड़े जिगर वाले होते हैं जो चाहें वो पा लें,

न हो अगर तो पलकों पे ख्वाब मत रखना,


बड़ी तरह के लोग मिलेंगे निकलो दुनिया में,

हर किसी पे एक जैसा विश्वास मत रखना,


बिना किए ही कुछ मिल जाए ज़िंदगी में तो,

अक्सर होता है फरेब या तो फिर कोई सपना!

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