ਰੱਬ ਕਰੇ ਹਰ ਇਕ ਲਈ, ਨਵਾਂ ਸਾਲ ਇਹੋ ਜਿਹਾ ਚੜ ਕੇ ਆਵੇ!

ਰਾਤੀਂ ਅੱਖ ਸੁਪਨਾ ਵੇਖੇ,
ਤੇ ਦਿਨ ਚੜੇ ਪੂਰਾ ਹੋ ਜਾਵੇ,
ਬੁੱਲਾਂ ਤੇ ਆਣ ਤੋਂ ਪਿਹਲਾਂ,
ਮਨ ਦੀ ਮੁਰਾਦ ਹਰ ਪੂਰੀ ਹੋ ਜਾਵੇ ,
ਰੱਬ ਕਰੇ ਹਰ ਇਕ ਲਈ,
ਨਵਾਂ ਸਾਲ ਇਹੋ ਜਿਹਾ ਚੜ ਕੇ ਆਵੇ!

ਹੋਠਾਂ ਤੇ ਕੋਈ ਮਿਹਕਦੀ
ਬਸੰਤ ਬਹਾਰ ਜਿਹੀ ਮੁਸਕਾਨ ਆਵੇ,
ਤੇ ਓਹ ਐਸੀ ਕੋਈ ਆਵੇ,
ਕੇ ਫੇਰ ਕਦੇ ਮੁੜ ਕੇ ਨਾ ਜਾਵੇ,
ਰੱਬ ਕਰੇ ਹਰ ਇਕ ਲਈ,
ਨਵਾਂ ਸਾਲ ਇਹੋ ਜਿਹਾ ਚੜ ਕੇ ਆਵੇ!

ਦਿਲਾਂ ਵਿਚ ਨਵਾਂ ਜੋਸ਼ ਆਵੇ,
ਹੋਂਸਲਿਆਂ ਚ ਨਵੀਂ ਉੜਾਨ ਆਵੇ,
ਤੇ ਛੂ ਜਾਏ ਹਰ ਕੋਈ ਐਸੀਆਂ ਉਚਾਈਆਂ,
ਕੇ ਅੰਬਰ ਵੇ ਨੀਵਾਂ ਰਿਹ ਜਾਵੇ,
ਰੱਬ ਕਰੇ ਹਰ ਇਕ ਲਈ,
ਨਵਾਂ ਸਾਲ ਇਹੋ ਜਿਹਾ ਚੜ ਕੇ ਆਵੇ!

ਪਿਆਰ-ਮੋਹੱਬਤ, ਸਾਂਝ, ਯਾਰੀ-ਦੋਸਤੀ,
ਦਾ ਜਿੰਦਗੀ ਚ ਕੋਈ ਨਿੱਤ ਨਵਾਂ ਫੁੱਲ ਆਵੇ,
ਤੇ ਨਫਰਤ, ਜੁਦਾਈ, ਦਰਦ, ਗਮ ਜੈਸੀ,
ਹਰ ਕੰਡਿਆਲੀ ਥੋਰ ਜੜੋਂ ਮੁੱਕ ਜਾਵੇ ,
ਰੱਬ ਕਰੇ ਹਰ ਇਕ ਲਈ,
ਨਵਾਂ ਸਾਲ ਇਹੋ ਜਿਹਾ ਚੜ ਕੇ ਆਵੇ!

ਤੇ ਮਿੱਤਲ ਜਿਹੇ ਗੁਨਹੇਗਾਰ ਨੇ ਜੋ,
ਬਖਸ਼ ਕੇ ਓਹਨਾ ਨੂ ਰੱਬ ਸਹੀ ਰਸਤੇ ਪਾਵੇ,
ਮਨ ਬੁੱਧੀ ਦੀ ਧੋ ਕੇ ਮੈਲ ਸਾਰੀ,
ਧਿਆਨ ਓਹਨਾ ਦਾ ਨੇਕ ਕਰਮਾ ਚ ਲਾਵੇ,
ਰੱਬ ਕਰੇ ਹਰ ਇਕ ਲਈ,
ਨਵਾਂ ਸਾਲ ਇਹੋ ਜਿਹਾ ਚੜ ਕੇ ਆਵੇ!


raatin akh supna vekhe ,
te din chade pura ho jaave ,
bullan te aan ton pihlan,
man di muraad har poori ho jaave,
rabb kare har ikk lai,
navan saal iho jiha chad ke aave!

hothaan te koi mihkdi
basant bahar jihi muskaan aave,
te oh aisi koi aave,
ke pher kade mud ke naa jaave ,
rabb kare har ikk lai,
navan saal iho jiha chad ke aave!

dilaan vich navan josh aave,
honslean ch navin udaan aave,
te choo jaae har koi aisiaan uchaaian ,
ke ambar vi neevan rih jaave,
rabb kare har ikk lai,
navan saal iho jiha chad ke aave!

piaar -mohabaat, saanjh, yaari-dosti,
da zindgi ch koi nitt navan phull aave,
te nafrat, judaai, dard, gam jaisi,
har kandiaali thor jadon mukk jaave,
rabb kare har ikk lai,
navan saal iho jiha chad ke aave!

te mittal jihe gunhegaar ne jo,
baksh ke ohna nu rabb sahi raste paave,
man budhi di dho ke mail saari,
dhiaan ohna da nek karma ch laave,
rabb kare har ikk lai,
navan saal iho jiha chad ke aave!

ਬੁਰੀਆਂ ਆਦਤਾਂ ਬੁਹਤ ਬੁਰਾ ਹਾਲ ਕਰਦੀਆਂ ਨੇ

ਬੁਰੀਆਂ ਆਦਤਾਂ ਬੁਹਤ ਬੁਰਾ ਹਾਲ ਕਰਦੀਆਂ ਨੇ,
ਲੋਹੇ ਜਿਹੇ ਤਨ ਨੂ ਵੀ ਜੰਗਾਲ ਛੱਡ ਦੀਆਂ ਨੇ,
ਹੱਥੀਂ ਜਿਹੜਾ ਏਨਾ ਦੇ ਕਦੇ ਕੀਤੇ ਚੜ ਜਾਵੇ,
ਨਚਾ ਓਹਨੁ ਆਪਣੀ ਤਾ-ਦਿਨ-ਤਾ ਤਾਲ ਛੱਡ ਦੀਆਂ ਨੇ!

ਚੰਦਨ ਜੇਹੀ ਦੇਹ ਨੂ,ਚਿੰਬੜ ਜਾਂਦੀਆਂ ਨੇ ਘੁਣ ਵਾਂਗ,
ਅੰਦਰੋਂ ਖਰਾਬ ਕਰ ਸਾਰਾ ਮਾਲ ਛੱਡ ਦੀਆਂ ਨੇ,
ਹੋਛੇ ਜਿਹੇ ਸੁਖ ਦਾ ਪਿਹਲਾਂ ਦਿੰਦਿਆਂ ਨੇ ਝਾਕਾ,
ਬਕਰਾ ਅੰਤ ਚ ਕਰ ਹਲਾਲ ਛੱਡ ਦੀਆਂ ਨੇ,
ਬੁਰੀਆਂ ਆਦਤਾਂ ਬੁਹਤ ਬੁਰਾ ਹਾਲ ਕਰਦੀਆਂ ਨੇ!

ਦੁਖੀ ਤੇ ਹੋਸ਼ੋਂ ਬਾਹਰ ਹੁੰਦੇ ਬੜੇ ਜਲਦੀ ਸ਼ਿਕਾਰ,
ਲੱਭ ਜੇ ਕੋਈ ਚਮਗਾਦੜ ਵਾਂਗ ਜਾ ਨਾਲ ਲੱਗਦੀਆਂ ਨੇ,
ਵੈਲੀ ਐਬੀ ਕਿਰਦਾਰ ਵੀ ਕਰ ਸਕਦੇ ਨੇ ਬੀਮਾਰ,
ਓਹਨਾ ਦੇ ਰਾਹੀ ਵੇ ਪਾ ਬੰਦੇ ਤੇ ਜਾਲ ਸਕਦੀਆਂ ਨੇ,
ਬੁਰੀਆਂ ਆਦਤਾਂ ਬੁਹਤ ਬੁਰਾ ਹਾਲ ਕਰਦੀਆਂ ਨੇ!

ਬਚਨੇ ਦਾ ਉਪਾ ਦਿਲੋ ਦਿਮਾਗ ਤੇ ਕਾਬੂ ਰਖੋ ਪੂਰੀ ਤਰਾ,
ਤੇ ਰਿਹਨੀ ਬਿਹਨੀ ਦਾ ਵੀ ਖਿਆਲ ਰੱਖੋ ਚੰਗੀ ਤਰਾ,
ਚੋਕਨਿਆ ਦੇ ਘਰ ਇਹ ਭੂਤਾਂ ਵੜ ਨਹੀਓਂ ਸਕਦੀਆਂ ਨੇ,
ਸੂਜਵਾਨ ਨੂ ਸ਼ਿਕੰਜੇ ਚ ਕਰ ਨਹੀਓਂ ਸਕਦੀਆਂ ਨੇ,
ਬੁਰੀਆਂ ਆਦਤਾਂ ਬੁਹਤ ਬੁਰਾ ਹਾਲ ਕਰਦੀਆਂ ਨੇ!

Sadkaan tutiaan te vich toye

Sadkaan tutiaan te vich toye,
gaddi phassgi vich oye hoye,
Sadkaan tutiaan te vich toye,
gaddi phassgi vich oye hoye,
oye hoye toye ch pai gayi,
gaddi phass ke
gaddi phass ke saadi ji reh gayi
gaddi phass ke saadi ji reh gayi
Sadkaan tutiaan te vich toye....

khabbe gaun marjaani sajje majj khasmaa nu khaani
siaapa jaan nu pai giaa baahla
siaapa jaan nu pai giaa baahla
siaapa jaan nu pai giaa baahla
loki aakhde asin bauhti tej haan chlaane
naale kadde ne saanu gaalan
naale kadde ne saanu gaalan
paige chakkran ch oye hoye
bachinaan takkran ji oye hoye
oye hoye toye ch pai gayi,
gaddi phass ke
gaddi phass ke saadi ji reh gayi
Sadkaan tutiaan te vich toye....

bheedi ji sadak utte toodi waala truck
vich vich turda jaaye ni
kade utte kade thalle
kuch chaddia na palle
jaan vi masa bchaa ke aaye
jaan vi masa bchaa ke aaye
saanu kuttia ni oye hoye
Jhambh suttia ni oye hoye
oye hoye toye ch pai gayi,
gaddi phass ke
gaddi phass ke saadi ji reh gayi
Sadkaan tutiaan te vich toye....

Ese layi asin chatt te sona chadd ditta

(Original song is Eise layi rona chad ditta by Atif Aslam movie Mel Kraade Rabba)

Saanu kothe manjhe daake son da bada chaa,
sochi naa khyaal asion dilon kad taa,
Saanu kothe manjhe daake son da bada chaa,
sochi naa khyaal asion dilon kad taa,
par chandra meenh roj jaanda aa,
ese layi asin chatt te sona chadd ditta,
ese layi asin chatt te sona chadd ditta,
ese layi asin chatt te sona chadd ditta,
kin min kin min meenh penda rehnda eh
chandra saanu eh son na denda eh
kin min kin min meenh penda rehnda eh
chandra saanu eh son na denda eh

meenh ve..................... meenh ve........

asin kamre ch hi cooler laa ke sauna... sikh liya
light gayi macchran naal vi raat bitauna .. sikh liya
light gayi macchran naal vi raat bitauna .. sikh liya
tere ton darde na utte hunde jaa
hun taan khyaal vi asin dilon kad ditta
chandra meenh roj jaanda aa,
ese layi asin chatt te sona chadd ditta,
ese layi asin chatt te sona chadd ditta,
ese layi asin chatt te sona chadd ditta,

raataan jinniaa sutte utte bade laye nzaare,
chaani raat te taare bade lagde si pyaare,
chaani raat te taare bade lagde si pyaare,
par hun taan rehndi badlaan di chaanh,
par hun taan rehndi badlaan di chaanh,
manja utte asin chadauna chadd ditta,
chandra meenh roj jaanda aa,
ese layi asin chatt te sona chadd ditta,
ese layi asin chatt te sona chadd ditta,
ese layi asin chatt te sona chadd ditta,
kin min kin min meenh penda rehnda eh
chandra saanu eh son na denda eh
kin min kin min meenh penda rehnda eh
chandra saanu eh son na denda eh

meenh ve..................... meenh ve........

इतना दियो हो साहिब जी, अब रक्खा न जाए संभाल कर

इतना दियो हो साहिब जी,
अब रक्खा न जाए संभाल कर,
निर्धन को राजा कर दियो,
प्रेम का मोती झोली डाल कर,
इतना दियो हो साहिब जी...

तुझको ही भजती रहती दिन रात,
मन ही मन करती रहती तुझसे बात,
लगता के जैसे तुम बुला रहे,
जब चिडिया कोई बोले डाल पर,
इतना दियो हो साहिब जी....

अब मन में मोरे कोई दुविधा नहीं,
अब जियरा को भी कोई चिंता नहीं,
जानूं लगा दोगे पार बांह पकड़ कर,
चलती हूँ आश्वस्त हो हर राह पर,
इतना दियो हो साहिब जी....

तोहरी करुणा का पातर बनी रही हूँ,
बस इतनी ही तो से मैं विनती करूँ,
रहना यूं ही तुम हर दम अंग संग मेरे,
छोड़ न जाना मुझे मेरे हाल पर,
इतना दियो हो साहिब जी....

पर माँ बदले में कुछ भी चाहती नहीं है, सिर्फ एक वही जो कभी जताती नहीं है!

बाकी सब कभी न कभी जता देते हैं,
दिया जो सब कुछ उसके बदले मांग लेते हैं,
पर माँ बदले में कुछ भी चाहती नहीं है,
सिर्फ एक वही जो कभी जताती नहीं है!

घर जाओ, सब के लिए कुछ ले जाओ,
उसे चाहे तुम हर बार भूल जाओ,
मेरे लिए क्यों कुछ लेके नहीं आया,
बात उसकी तरफ से फिर भी कभी,
बनके ताना ये आती नहीं है,
माँ बदले में कुछ भी चाहती नहीं है,
सिर्फ एक वही जो कभी जताती नहीं है!

पती के बाद खाती इसलिए अगर है,
क्योंकि वो उसके लिए परमेशवर है,
तो बच्चों से पहले क्यों खाती नहीं है?
क्यों उसे रोटी उनसे पहले भाती नहीं है?
बच्चे उससे पहले खा लें तो खा लें,
पर वो बच्चों से पहले कभी खाती नहीं है,
माँ बदले में कुछ भी चाहती नहीं है,
सिर्फ एक वही जो कभी जताती नहीं है!

कुछ भी मुश्किल हो, या कुछ भी हो बात,
कोई और हो न हो वो हर पल रहती साथ,
हसके मांग लेती है सब बलाएं अपने सर,
मिलेगा कुछ बदले में उसे नहीं ये फिकर,
जान देने तक से भी घबराती नहीं है,
माँ बदले में कुछ भी चाहती नहीं है,
सिर्फ एक वही जो कभी जताती नहीं है!

बच्चे चाहे उसे जाने अनजाने कितना दुःख दे,
पर कहती नहीं फिर भी कभी कुछ मुख से,
हाँ रो लेती है बस कभी वो सब से छुपके,
पर दिल में फिर भी कभी बददुआ लाती नहीं है,
ऊँचा बोल बच्चों का दिल कभी दुखाती नहीं है,
माँ बदले में कुछ भी चाहती नहीं है,
सिर्फ एक वही जो कभी जताती नहीं है!

बच्चे चाहे उसे कभी याद करे न करे,
उसका नहीं होता ध्यान उनसे पल भी परे,
भले हों, बुरे हों, हों चाहे जैसे,
जग समजता हों उन्हें चाहे भी कैसे,
निंदा उसे फिर भी उनकी सुहाती नहीं है,
ममता उसकी उनकी लिए जाती नहीं है,
माँ बदले में कुछ भी चाहती नहीं है,
सिर्फ एक वही जो कभी जताती नहीं है!

ਇੱਕਲੇ ਬੰਦੇ ਦਾ ਗੁਜਾਰਾ ਨਹੀਂ!

ਇਕੱਲਾ ਰੁੱਖ ਤਾਂ ਖੜਾ ਰਿਹ ਸਕਦਾ,
ਇਕੱਲਾ ਬੁੱਤ ਵੀ ਸਭ ਸਿਹ ਸਕਦਾ,
ਪਰ ਜਿੰਦਗੀ ਤੋਂ ਪਾਰ ਉਤਾਰਾ ਨਹੀਂ,
ਇੱਕਲੇ ਬੰਦੇ ਦਾ ਗੁਜਾਰਾ ਨਹੀਂ!

ਦਿਲ ਦਿਆਂ ਕਦ ਤੱਕ ਦਿਲ ਚ ਰਿਹਣ,
ਬੁੱਲ ਦਾ ਜੀ ਹੁੰਦਾ ਕਿਸੇ ਨੂ ਕਿਹਣ,
ਬਿਨਾ ਕਹੇ ਭਾਰ ਤੋਂ ਛੁਟਕਾਰਾ ਨਹੀਂ,
ਇੱਕਲੇ ਬੰਦੇ ਦਾ ਗੁਜਾਰਾ ਨਹੀਂ!

ਮਨ ਹੋਲਾ ਹੋ ਲੈਂਦਾ ਡੋਲ ਪਾਣੀ ਖਾਰਾ,
ਤਨ ਨੂ ਬੁਹਤ ਹੈ ਥੰਮਾ ਦਾ ਸਹਾਰਾ,
ਪਰ ਰੂਹ ਨੂ ਰੂਹ ਬਿਨ ਚਾਰਾ ਨਹੀਂ,
ਇੱਕਲੇ ਬੰਦੇ ਦਾ ਗੁਜਾਰਾ ਨਹੀਂ!

ਵਾਟਾਂ ਲੰਮੀਆਂ ਬੁਹਤ ਨੇ ਐਵੇਂ ਲੱਗਦਾ,
ਇਕੱਲੇ ਪੈਰ ਪੈਂਡਾ ਮੀਲ ਵਾਂਗੂ ਟੱਪਦਾ,
ਕਿਸੇ ਦਾ ਸਾਥ ਜੈਸਾ ਨਜ਼ਾਰਾ ਨਹੀਂ,
ਇੱਕਲੇ ਬੰਦੇ ਦਾ ਗੁਜਾਰਾ ਨਹੀਂ!

बस इसीलिए थोडा उदास हूँ आज

एक खाब था जो कल मैंने देखा था,
उस खाब में मैं था, वो थी, एक घर था,
और घर के आँगन में एक बच्चा था,
जो उछलते खेलते कूदते हुए,
कभी मुझसे आ लिपटता था,
कभी उससे जा लिपटता था,
और मैं कभी उसे देखता था,
कभी उस बच्चे को देखता था,
और दोनों को देख देख कर
मेरा जी न भरता था,
और हर आती जाती सांस में मैं,
कई लाख बरस जीने की तमन्ना करता था,
हर सांस लग रही थी मुझे
खुदा की जैसे इनायत कोई,
मैं फूला न समा रहा था,
के मेरी साधना सफल हो गई,
पर फिर अचानक सुबह हो गई,
खाब न रहा मेरी नींद खुल गई,
बसी बसाई जैसे दुनिया उजड़ गई,
बस्ती कोई जिसे आग निगल गई,
कश्ती कोई जिसे सुनामी बहा ले गई,
बिजली कोई जैसे बादलों से निकलकर,
मेरे उस घर को खंडहर कर गई,
और मैं बस खड़ा देखता रह गया,
हकीकत सब खुशियाँ चुरा ले गई,
और दिल के सहरा से उठी,
दर्द भरी चाहे आंधियाँ कई,
पर मेरे होंठ जैसे सिल गए थे,
उनको चाहकर भी पुकार सके नहीं,
और मैं लाचार पड़ा रहा आपना बिस्तर में,
जैसे मेरे जिस्म में बाकी जान ही ना रही,
और फिर सब दर्द बन के आंसूं,
आँखों के रस्ते बह गया,
हकीकत के आगे हसीं सपने का मोल,
कुछ बूँद खारा पानी रह गया,
बस इसीलिए थोडा उदास हूँ आज,
मैं पुहँच गया था वहां तक,
आरज़ू बसी है जिसकी मेरे रोम रोम तक,
पर हकीकत ने ला कर पटक है दिया,
मुझे फिर से वही,
जहाँ मैं जी रहा हूँ तनहा बेमानी जिंदगी,
जिसकी मुझे कोई चाहत ही नहीं!