तुझे बदलना होगा देखने सोचने का नज़रिया

झूठा है वो जो कहता है
चाँद सितारे तोड़ ला देगा,
सोच बैठ के क्या वो
तेरे राह में चिराग जला सकेगा?

मत आ महकते
गुलाबों के झांसे में,
सोच क्या ये तेरे रास्ते
के कांटे निकाल सकेगा?

तेरे हाथों को नहीं
चाहियें सोने के कंगन,
पूछ उससे क्या तेरे पाऊं की
बेड़ियाँ काट सकेगा?

झूठे वादों की लम्बी
फेहरिस्त पे ना जा,
पूछ उससे क्या एक वादा
करके उम्र भर निभा सकेगा?

तुझे बदलना होगा देखने
सोचने का नज़रिया,
नहीं तो तुझे हर तलाश में
सहरा-ऐ-सराब ही मिलेगा!

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