असल जिंदगी में ऐसा कोई कहाँ होता

मैं जानता हूं उनके,
सिलसिला-ऐ-तकरार की वजह,
उसने मांगी दी बहिश्त-ऐ-हूर,
उसने चाहा था कायनात-ऐ-खुदा,
असल जिंदगी में ऐसा कोई कहाँ होता!

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