तू भी कोई फरिश्ता नहीं, मैं भी कोई खुदा नहीं

तू भी कोई फरिश्ता नहीं,
मैं भी कोई खुदा नहीं,
बस इतना याद रखना,
अपनी खूब निभेगी!

गलतियाँ होँगी माफ करना,
मुसीबतें होँगी एतबार करना,
चलना सबब-ए-एहतराम से,
यकीनन कभी न टूटेगी!

बुरे वक़्तों को करके याद,
करना न कभी आज बर्बाद,
थोड़ा बचते बचाते चलना,
लाजिम है रवाँ गुजरेगी!

और ज़िन्दगी है ये फानी,
कुछ तयशुदा लम्हों की कहानी,
बढ़ना हमेशा ये सोच के,
मुमकिन खिज़ा न खलेगी!

तू भी कोई फरिश्ता नहीं,
मैं भी कोई खुदा नहीं....

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