तन्हाई में यूं हर कोई अपना हो जाता है

शहर छोड़ के 
कोई भी जाता है,
घर मेरा सूना हो जाता है,

आलम में तन्हाई में
यूँ ना चाहते हुए
हर कोई अपना 
हो जाता है!

No comments:

Post a Comment