कैसा भी रिश्ता रख

सब कुछ नहीं तो गम ही
बांटने के लिए आ,
मोहब्बत नहीं तो
जरूरत के लिए ही आ,
कैसा भी रिश्ता रख,
किसी नीयत से भी रख,
दूर न हो छोड़ के न जा!

No comments:

Post a Comment