सोचा था तन्हाई में

सोचा था तन्हाई में,
दिल से ऐसी बात निकलेगी,
सारी दुनिया मुझको अपना बना लेगी,

पर अब लगता है ऐसे,

निकलेगी बस जान मेरी,
और जनाजा उठा के सिर्फ
कब्रिस्तान तक ये साथ चलेगी!

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