To the mind and world which finds it easy to mock and mar rather being patient, caring, sensitive and understanding ...
बुरा जो देखन मैं चला, बुरा न मिलियो कोई,
जो दिल खोजा आपना, मुझसे बुरा न कोई!
-- कबीर---
वो गलत तो था ये बात तो है सही,
पर उसे गलत कहना मुझे लगा ठीक नहीं,
कोई उसको परेशानी कोई उसको गम था,
वरना यूँ तो कभी वो पेश आता ही नहीं,
बैठा रहा सुनता रहा बातें करता रहा,
और मैं कोशिश में था सुनने की अनकही,
उस तरफ उसकी खुददारी कुछ बताए ना,
इस जानिब मेरी मजबूरी समझ आए नहीं,
पूरी शाम निकल गयी कुछ हाथ ना आया,
क्या था उसके मर्ज़-ए-मायूसी मर्ज़-ए-गमी,
और जाते हुए भी उसके चेहरे पे वही शिकन,
होठों पे वही मायूसी, आंखों में वही नमी,
और मैं सारी रात यही सोच के बेचैन रहा,
कहीं वो कुछ गलत कर ना बैठे कहीं,
उसकी चाह में खामियाँ निकालने की बजाए,
उल्टा मुझे लगा मेरी मोहब्बत में है कमी,
क्यों नहीं समझा उसने मुझे अपना चारागर,
क्यों उसने मुझे अपना जख्म दिखाया नहीं,
वो गलत तो था ये बात तो है सही,
पर उसे गलत कहना मुझे लगा ठीक नहीं...
बुरा जो देखन मैं चला, बुरा न मिलियो कोई,
जो दिल खोजा आपना, मुझसे बुरा न कोई!
-- कबीर---
वो गलत तो था ये बात तो है सही,
पर उसे गलत कहना मुझे लगा ठीक नहीं,
कोई उसको परेशानी कोई उसको गम था,
वरना यूँ तो कभी वो पेश आता ही नहीं,
बैठा रहा सुनता रहा बातें करता रहा,
और मैं कोशिश में था सुनने की अनकही,
उस तरफ उसकी खुददारी कुछ बताए ना,
इस जानिब मेरी मजबूरी समझ आए नहीं,
पूरी शाम निकल गयी कुछ हाथ ना आया,
क्या था उसके मर्ज़-ए-मायूसी मर्ज़-ए-गमी,
और जाते हुए भी उसके चेहरे पे वही शिकन,
होठों पे वही मायूसी, आंखों में वही नमी,
और मैं सारी रात यही सोच के बेचैन रहा,
कहीं वो कुछ गलत कर ना बैठे कहीं,
उसकी चाह में खामियाँ निकालने की बजाए,
उल्टा मुझे लगा मेरी मोहब्बत में है कमी,
क्यों नहीं समझा उसने मुझे अपना चारागर,
क्यों उसने मुझे अपना जख्म दिखाया नहीं,
वो गलत तो था ये बात तो है सही,
पर उसे गलत कहना मुझे लगा ठीक नहीं...
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