नहीं करना तो मत कीजिए,
नहीं कर सकते तो कह दीजिए,
पर बेवजह बुरा भला कह के,
दिल के किसी को दुख न दीजिए!
एक उम्मीद पे तो हम सब ज़िंदा है,
मिलेगा दाना उड़ता डाल से परिंदा है,
जो नहीं दे सकते दो दाने भिक्षु को,
दुत्त्कार के दिल उसका तोड़ न दीजिए!
अपनी अपनी चाह सब को प्यारी है,
बन्दा दिन रात करता मेहनत, तैयारी है,
नहीं बन सकते हो जो कृष्ण से सारथी,
तो कटु वचन कह उत्साह क्षीण न कीजिए!
अपना करीबी समझा, तभी था वो आया,
सबको तो नहीं जाता अपने मन का बताया,
जो व्यथा उसकी को तुम हर नहीं सकते ,
नश्तर से उसको लहू-लुहान न कीजिए!
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