ये खुदा ने आज क्या कयामत की,
के वो खुद हम से मिलने आ गए,
हम तो सोचते थे,
की वो हमारी मयित तक में शरीक न होंगे,
और वो हमसे जिंदा ही रूबरू होने आ गए!
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खुले हैं दिल के दरवाज़े सारे गम के आने के वास्ते,
इस दिलजले को और जलाने के वास्ते ,
देखें तो सही क्या गम और भी बड़ा है कोई दुनिया में,
एक गम तेरा भुलाने के वास्ते!
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लाख बार समझाया है दिल को के तू उसे पा नहीं सकता,
पर यह कहता है यह के में उसे भुला नहीं सकता,
शायाद इसी को मोहब्बत कहते हैं ,
जो उसकी हाँ या ना की परवाह नहीं करता!
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