मैंने मुश्किलों में ज़िन्दगी बनाई है

मुझे ज़िन्दगी में मुश्किलें नहीं आयी,

मैंने मुश्किलों में ज़िन्दगी बनाई है,


मेरी हसीं के पीछे पीछे मत आओ,

इसके पीछे ग़मों की गहरी खाई है,


कितना ठुकराया गया हूँ क्या कहूँ,

उसी ने मोहब्बत करनी सिखाई है,


तन्हाइओं का दर्द अच्छे से जानता हूँ,

इसी लिए अच्छी लगती आशनाई है,


बेरुखी क्या बताऊँ कहाँ ले जाती है,

बात सुन लेना किसी की ये भी भलाई है,


सोचा तो नहीं था ये सब बात करूँ,

कुछ बात हुई बातें निकल आई हैं!

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