छोड़ दिया ख्याल ज़िंदगी सपनों सी कभी हो जाएगी,
जान गया हूं राज आज जो गीत कल भी यही गाएगी,
दे दी है मोहिनी तस्वीर एक वक़्त ने रंग उसमें भरने हैं,
भर लूं अपनी मर्जी से क्या मालूम धूल कब हो जाएगी,
दिन रात जैसे चाह जिम्मेदारी साथ साथ चल सकते हैं,
जितना खुश रहेंगे ज़िंदगी उतने और दिन देती जाएगी,
छुट गया जो गीत ग़ज़ल का हाथ आज अपने हाथ से,
फिर नहीं मिलेंगे पत्ते हवा इन्हें दूर उड़ा के ले जाएगी!
No comments:
Post a Comment