पल दो पल और हैं हम तुम पास

पल दो पल और हैं हम तुम पास ,
फिर साथ रह जायेंगी यादे ,
और कभी साथ थे हम तुम ,यह एहसास,
गुज़रते वक़्त के साथ भूल जायेंगे सब
पर याद रहेंगे तुम जैसे कुछ ख़ास!

समझ न पाते हैं कीमत तुम्हारी
अभी जो तुम हो हमारे पास,
लगते तोह हो औरों के ही जैसे ,
समझ न पाते हैं फिर भी तुम क्यों हो ख़ास,
जब बिछङ जाओगे तुम हमसे,
फिर शायद हमको होगा एहसास,
क्या थी तुम्हारी कीमत क्यों थे तुम ख़ास!

समझ न पाते हैं हम ,
अभी कितनी कम हैं अपने बीच दूरियां,
और मिल ना पाने का एक कारन
भी क्यों होती है दूरियां,
शायाद समझ जायेंगे हम ,
जब तुम न होगे हमारे पास!
के दूरियां कितनी कम थी अपने बीच,
और मिलने के लिए जरूरी क्यों हैं होना पास!

समझ ना पाते हैं हम
अभी जो कीमत तुम्हारी नसीहतों की,
और न हमारी हर ख़ुशी के लिए,
हस्ते हस्ते सही जो तुमने उन तकलीफों की,
शायद जब न कोई होगा हमें समजाने वाला ,
और तकलीफ हमारे लिए सहने वाला ,
जब न तुम होगे पास ,शायद तब हमें होगा एहसास!

धीरे धीरे तुमने हमारे दिल
में बना ली है न जाने जगह कितनी,
हर पल हर गाड़ी क्यों आती है
तुम्हारी न जाने हमको याद इतनी,
ना जाने क्या है तुममे इतना ख़ास,
शायद हम समझ पाए जब तुम न होगे पास,
और लाख दूंडने पर भी
ना मिलेगा जब तुम जैसा कोई ख़ास!

पल दो पल और हैं हम तुम पास,
और फिर साथ रह जायेंगी यादे,
और कभी साथ थे हम तुम ,यह एहसास,
गुज़रते वक़्त के साथ भूल जायेंगे सब
पर याद रहेंगे तुम जैसे कुछ ख़ास!

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